India beat England सीरीज का अंतिम मुकाबला: भारत का ऐतिहासिक क्लीन स्वीप
अहमदाबाद के नरेंद्र मोदी स्टेडियम में खेले गए तीसरे वनडे में भारतीय टीम ने इंग्लैंड को 142 रनों से शिकस्त देकर तीन मैचों की सीरीज 3-0 से अपने नाम कर ली। यह भारत की 14 साल बाद इंग्लैंड के खिलाफ वनडे सीरीज में पहली क्लीन स्वीप है, जिसने 2011 में एमएस धोनी की कप्तानी में हुए 5-0 व्हाइटवॉश की यादें ताजा कर दीं ।
मैच का टर्निंग प्वाइंट: गिल का शतक और कोहली का अर्धशतक
- शुभमन गिल ने 112 रनों की तूफानी पारी (102 गेंद, 14 चौके, 3 छक्के) खेलकर भारत को मजबूत स्कोर दिया। यह उनका वनडे करियर का 7वां शतक था, और उन्होंने नरेंद्र मोदी स्टेडियम पर तीनों प्रारूपों (टेस्ट, वनडे, आईपीएल) में शतक जड़ने का अनोखा रिकॉर्ड बनाया ।
- विराट कोहली ने 52 रनों की पारी के साथ 14,000 वनडे रन पूरे करने के लिए 37 रन शेष छोड़े, लेकिन उनकी यह पारी टीम को 356 रन तक पहुंचाने में अहम रही ।
इंग्लैंड का पतन: स्पिनर्स के आगे बिखरी टीम
इंग्लैंड ने 357 रन के लक्ष्य का पीछा करते हुए महज 214 रन पर सिमटकर हार स्वीकारी। भारतीय गेंदबाजों ने शुरुआत से ही दबाव बनाया:
- अर्शदीप सिंह और हर्षित राणा ने ओपनर्स बेन डकेट-फिल सॉल्ट को शुरुआती झटके दिए ।
- अक्षर पटेल ने जो रूट (38) और कुलदीप यादव ने हैरी ब्रूक (19) को आउट कर मध्यक्रम ध्वस्त किया ।
- हार्दिक पंड्या ने अंतिम विकेट लेकर इंग्लैंड की पारी समेटी, जबकि आदिल राशिद (4 विकेट) अकेले इंग्लैंड की उम्मीद बने रहे ।
रोहित शर्मा का कप्तानी कौशल: धोनी के रिकॉर्ड की बराबरी
रोहित शर्मा ने इस सीरीज में न केवल अपने 32वें वनडे शतक (दूसरे मैच में 119 रन) से टीम को जीत दिलाई, बल्कि कप्तान के रूप में 14 साल बाद इंग्लैंड के खिलाफ क्लीन स्वीप का कारनामा दोहराया। 2011 में धोनी ने यही उपलब्धि हासिल की थी ।
सीरीज के अन्य हाइलाइट्स
- पहला वनडे (नागपुर): शुभमन गिल (87) और श्रेयस अय्यर (59) की पारियों ने भारत को 4 विकेट से जिताया ।
- दूसरा वनडे (कटक): रोहित के शतक (119) और गिल के अर्धशतक (60) ने 305 रन के लक्ष्य को आसान बनाया ।
- रिकॉर्ड्स का सिलसिला:
- गिल ने वनडे में 60+ औसत पार कर लिया ।
- रवींद्र जडेजा ने अपना 200वां वनडे मैच खेला ।
आगे की राह: चैंपियंस ट्रॉफी की तैयारी
इस सीरीज जीत के साथ भारत ने चैंपियंस ट्रॉफी 2025 के लिए तैयारियों को मजबूती दी है। हालांकि, जसप्रीत बुमराह की अनुपस्थिति में गेंदबाजी पर निर्भरता और स्पिनर्स की भूमिका चुनौती बनी हुई है ।
निष्कर्ष:
भारतीय टीम ने इस सीरीज में बल्लेबाजी और गेंदबाजी दोनों में संतुलन दिखाया। रोहित की कप्तानी, गिल का रनमशीन बनना, और युवा गेंदबाजों का प्रदर्शन भविष्य के लिए शुभ संकेत हैं। इंग्लैंड को अपने स्पिन विरोधी दृष्टिकोण पर पुनर्विचार की जरूरत है, जो इस सीरीज में उनकी सबसे बड़ी कमजोरी रहा ।