प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण (PMAY-G) के तहत, भारत सरकार ने 2024-25 से 2028-29 तक की अवधि में दो करोड़ से अधिक पक्के मकानों के निर्माण का लक्ष्य निर्धारित किया है।
योजना का उद्देश्य:
PMAY-G का मुख्य उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में बेघर और कच्चे मकानों में रहने वाले परिवारों को बुनियादी सुविधाओं से युक्त पक्के मकान प्रदान करना है, जिससे उनकी जीवन गुणवत्ता में सुधार हो सके।
वित्तीय प्रावधान:
इस योजना के लिए कुल 3,06,137 करोड़ रुपये का परिव्यय निर्धारित किया गया है, जिसमें 2,05,856 करोड़ रुपये का केंद्रीय हिस्सा और 1,00,281 करोड़ रुपये का राज्य हिस्सा शामिल है।
लाभार्थियों के लिए सहायता राशि:
मैदानी क्षेत्रों में प्रति मकान 1.20 लाख रुपये।
पूर्वोत्तर क्षेत्र, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, जम्मू-कश्मीर और लद्दाख जैसे पहाड़ी राज्यों में प्रति मकान 1.30 लाख रुपये।
लाभ:
31 मार्च 2024 तक अपूर्ण शेष 35 लाख मकानों का निर्माण पूरा किया जाएगा, जिससे पिछले चरण के 2.95 करोड़ मकानों के लक्ष्य को प्राप्त किया जा सके।
- आगामी पांच वर्षों में दो करोड़ नए मकानों के निर्माण से लगभग 10 करोड़ लोगों को लाभ मिलने की उम्मीद है।
पात्रता:
- आवास+ (2018) सूची और सामाजिक आर्थिक जाति जनगणना (SECC) 2011 की स्थायी प्रतीक्षा सूची में शामिल शेष पात्र परिवारों को इस योजना का लाभ मिलेगा।
- पात्र लाभार्थियों की पहचान संबंधित ग्राम पंचायतों द्वारा की जाएगी।
- चयनित लाभार्थियों को सीधे उनके बैंक खातों में सहायता राशि प्रदान की जाएगी
निष्कर्ष:
प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण के माध्यम से सरकार का उद्देश्य 2025 तक सभी बेघर और कच्चे मकानों में रहने वाले ग्रामीण परिवारों को पक्के मकान प्रदान करना है, जिससे उनकी जीवन गुणवत्ता में सुधार हो और वे सुरक्षित एवं सम्मानजनक जीवन जी सकें।