थाना मलपुरा क्षेत्र स्थित धनौली में दो साल पहले खरीदे करीब 100 वर्ग गज के प्लॉट में मकान बनाने वाले थे। इसकी तैयारी में पूरा परिवार लगा हुआ था। इसी बीच हाथरस में साकार हरि के सत्संग में हुए हादसे ने पूरे परिवार का सपना चकना चूर कर दिया। इस हादसे में घर को संभालने वाली 50 वर्षीय संगीता की मृत्यु हो गई। इससे पूरे परिवार के सपनों पर पहाड़ टूट पड़ा है। धनौली नगला भगत के सुरेश चंद एक कंपनी कंपनी में सुरक्षाकर्मी हैं। उनकी पत्नी संगीता धर्म और कर्म में भारी विश्वास रखती थी। सुरेश बताते हैं कि परिवार आर्थिक रूप से कमजोर होने के बावजूद संगीता का गृहस्थी चलाने का अंदाज अलग ही था। इस महंगाई के समय में भी अपने बच्चों की पढ़ाई में कोई रुकावट नहीं आने दी। 21 वर्षीय बड़ी बेटी काजल बीएड, 20 वर्षीय बेटा ध्रुव बीकॉम और 15 वर्षीय गुनगुन हाईस्कूल कर रही हैं। किसी भी बच्चे से घर का कोई काम नहीं लिया। बेटी काजल बताती हैं कि पिताजी की अधिकतर तनख्वा हमारी शिक्षा पर ही खर्च हो जाती थी। लेकिन मां ने अपनी सूझबूझ से पाई–पाई जोड़कर दो साल पहले नगला रेवती अभयपुरा में करीब 100 वर्ग गज का एक प्लॉट लिया। अब उसमें दो कमरे बनाने का विचार चल रहा था। इसे ही देखते हुए ही चार दिन पहले प्लॉट के पास किराए पर कमरा लिया। लेकिन अब सत्संग में हुई भगदड़ से सपने मिट्टी में मिल गए। पिता सुरेश बताते हैं कि उनके सामने बच्चों की शिक्षा और उनकी शादी का बीड़ा ही बहुत बड़ा है। नौकरी के साथ बच्चों की जिम्मेदारी उठाना कठिन है। अब घर–मकान बनाना असंभव है।

23 सदस्य एक मकान में कर रहे थे गुजर–बिसर!
नगला भगत में सुरेश का 120 वर्ग गज में पैतृक मकान है। इसमें सुरेश, छोटा भाई संजय, चचेरे भाई दौलतराम और दौलतराम के तीन बेटे शीलू, दीपेंद्र और जितेंद्र अपनी पत्नी और बच्चों के साथ रहते थे। आर्थिक रूप से कमजोर होने के कारण 23 सदस्यों का परिवार 4 कमरे, एक रसोई, शौचालय, स्नानघर में ही गुजर–बिसर कर रहा था। कुछ दिन पहले ही सुरेश और संजय किराए पर रहने अभयपुरा आयए थे ।